छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग, प्रधानमंत्री को भेजा गया पत्र

आरपी शर्मा का प्रधानमंत्री मोदी से अपील, एफएसएनएल का सेल में विलय कर रोकें निजीकरण

       भिलाई। आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति के संयोजक और लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान के अध्यक्ष आरपी शर्मा ने सार्वजनिक उपक्रम फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (एफएसएनएल) के संभावित निजीकरण पर गहरी चिंता जताते हुए इसे रोकने की मांग की है। शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तृत पत्र भेजकर एफएसएनएल की अब तक की आर्थिक प्रगति और इससे जुड़े षड्यंत्रों का उल्लेख करते हुए सुझाव दिया है कि इस कंपनी का विलय स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में किया जाए।

       शर्मा ने प्रधानमंत्री के अलावा इस्पात मंत्री, मुख्यमंत्रियों, संसद सदस्यों, और सेल के चेयरमैन को भी पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने बताया कि एफएसएनएल की स्थापना 1979 में सेल की इकाइयों से स्क्रैप रिकवरी के लिए की गई थी। कंपनी ने हमेशा आत्मनिर्भरता बनाए रखी है और भारत सरकार से कभी आर्थिक मदद नहीं ली है। वर्तमान में कंपनी के पास एक हजार करोड़ से अधिक मूल्य के उपकरण और भारी वाहन हैं, और यह कंपनी 250 करोड़ रुपये का लाभांश भी दे चुकी है।

निजीकरण के खिलाफ अपील

       आरपी शर्मा ने अपने पत्र में जोर दिया है कि एफएसएनएल का निजीकरण कंपनी को बंद होने के कगार पर ला सकता है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि निजीकरण का लाभ पवन कुमार लखोटिया जैसे उद्योगपतियों को मिलेगा, जो पहले भी स्क्रैप रिकवरी के काम में घोटालों में लिप्त रहे हैं। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से जांच की मांग की है और निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की है।

सार्वजनिक उपक्रम के हितों की रक्षा

       शर्मा ने आग्रह किया है कि एफएसएनएल का सेल में विलय कर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति में एफएसएनएल पूरी तरह मुनाफे में है और इसका निजीकरण असंगत और अनुचित है। उनके अनुसार, यह प्रक्रिया न केवल कंपनी के लिए बल्कि देश के आर्थिक हितों के लिए भी हानिकारक हो सकती है।

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