छत्तीसगढ़रायपुर

खिलाड़ी कभी हारता नहीं, या तो जीतता है या सीखता है : अरुण साव

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने विजेताओं को किया सम्मानित, कहा- “खेल में हार नहीं, सिर्फ जीत और सीख होती है”

खेलों के माध्यम से छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का लक्ष्य

शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ खेल महोत्सव का समापन

उप मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह में हुए शामिल, विजेताओं को सौंपी ट्रॉफियां

       रायपुर। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव आज बिलासपुर में 24वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने विजेता टीमों और खिलाड़ियों को ट्रॉफियां प्रदान कीं। बिलासपुर के पुलिस ग्राउंड में विगत 21 सितम्बर से राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। मुख्य अतिथि श्री साव ने खेल झंडा उतारकर प्रतियोगिता के समापन की घोषणा की। राज्य की पांचों संभागों की भागीदारी वाली इस प्रतियोगिता में बिलासपुर ओवरऑल चैंपियन रहा। बिल्हा के विधायक श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा के विधायक श्री सुशांत शुक्ला और बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान भी विशिष्ट अतिथि के रूप में समापन समारोह में शामिल हुए।   

       उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकने में सक्षम खिलाड़ी छत्तीसगढ़ में हैं। खिलाड़ी कभी हारता नहीं है… या तो वह जीतता है या सीखता है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ‘खेलो इंडिया’ के माध्यम से खेलों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं। खेल के मैदान में पसीना बहाने से मान, सम्मान, धन, दौलत, शोहरत सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने स्कूली खिलाड़ियों से कहा कि आप आगे भी इसी तरह लगन के साथ खेलते रहें और अपना, अपने परिवार का, विद्यालय का और प्रदेश का नाम रोशन करें। हर परिस्थिति में जो डटा रहता है, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार मेहनत करते रहता है, वही आगे जाकर उपलब्धि का परचम लहराता है।

       राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह में विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान “धान का कटोरा” के रूप में पहले से है। इसके बाद यदि किसी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की पहचान बने, तो हम चाहते हैं कि वह खेलों के क्षेत्र में बने। हमारे प्रदेश का नाम यदि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में रोशन हो तो जरूरी है कि नींव मजबूत हो, और यह आयोजन उसी नींव को मजबूत करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। पहले हमारे बड़े हमसे कहते थे कि पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब। लेकिन अब आप पढ़कर नवाब तो बनेंगे ही, आप खेलकर नवाब और उससे आगे भी जा सकते हैं। समापन समारोह में खिलाड़ियों के सम्मान में स्कूली छात्राओं द्वारा शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker