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भाजपा सरकार के तहत पत्रकारों पर शिकंजा: बस्तर के चार वरिष्ठ पत्रकार फर्जी आरोपों में गिरफ्तार

कांग्रेस ने गिरफ्तारी की की कड़ी निंदा, कहा—’राज्य सरकार माफियाओं के एजेंट बन गए हैं, पत्रकारों की आवाज को दबाया जा रहा है

       रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने बस्तर के चार वरिष्ठ पत्रकारों—बप्पी राय, निशु त्रिवेदी, महेंद्र सिंह, और धर्मेंद्र सिंह—की गिरफ्तारी की तीखी आलोचना की है। इन पत्रकारों को आंध्र प्रदेश पुलिस द्वारा फर्जी आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है। बैज ने राज्य सरकार से अपील की है कि इन पत्रकारों की तत्काल रिहाई सुनिश्चित की जाए और गिरफ्तारी के पीछे जो साजिश है, उसके जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों और माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

       बैज ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य में माफियाओं का बोलबाला बढ़ गया है। थानेदार और अन्य पुलिस अधिकारी माफियाओं के एजेंट बन गए हैं, और जो पत्रकार इनके खिलाफ आवाज उठाते हैं, उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर गिरफ्तार किया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के तहत पत्रकारों की आवाज को दबाया जा रहा है और उन्हें सवाल पूछने से रोका जा रहा है।

       प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाया था, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद इस कानून का मजाक उड़ाया जा रहा है। अब पत्रकारों की सुरक्षा खतरे में है, और वही लोग जो पत्रकारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हीं पर झूठे मामलों में फंसाने का आरोप लग रहा है। बस्तर और आंध्र प्रदेश की सीमा पर अंतरराष्ट्रीय रेत माफिया के खिलाफ खुलासा करने वाले पत्रकारों को झूठे मामलों में फंसाया गया है।

       बैज ने कहा कि बस्तर और पूरे प्रदेश में पत्रकारों के खिलाफ सरकारी तंत्र का दमनकारी रवैया अपनाया जा रहा है। जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को विज्ञापन बंद करने की धमकियाँ दी जाती हैं और उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं। भाजपा सरकार के संरक्षण में रेत माफिया, कोल माफिया, शराब माफिया, गांजा तस्कर, और ड्रग्स तस्कर फल-फूल रहे हैं, और उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकारों और आम लोगों पर अत्याचार हो रहा है।

       बैज ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश के गृह मंत्री ने इन चारों पत्रकारों की रिहाई के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है, जबकि आंध्र प्रदेश में एनडीए घटक दल के चंद्र बाबू नायडू की सरकार है, जिनकी मोदी सरकार के साथ अच्छी राजनीतिक रिश्ते हैं। बैज ने सवाल उठाया कि फिर भी बस्तर के निर्दोष पत्रकारों की रिहाई के लिए राज्य सरकार क्यों कोई कदम नहीं उठा रही है।

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