छत्तीसगढ़रायपुर

भाजपा सरकार पर कांग्रेस का हमला: पांच महीने में 16,000 करोड़ का कर्ज, आर्थिक कुप्रबंधन का आरोप

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वित्तीय अनुशासन और जनकल्याणकारी योजनाओं की मिसाल, भाजपा पर वादाखिलाफी और खोटे नियत का आरोप

आर्थिक कुप्रबंधन बता रहा भाजपा से सरकार नहीं संभल रही

कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम तीन वित्तीय वर्ष में एक रुपये का भी कर्ज नहीं लिया था

       रायपुर। कांग्रेस सरकार ने पांच सालों में जनकल्याणकारी योजनाओं में जनता के खाते में सीधे 2 लाख करोड़ रू. डाले थे। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पांच महिने में ही सरकार चलाने वालों को पसीना निकलने लगा है। पांच माह में 16000 करोड़ का कर्जा ले लिया है। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम तीन वित्तीय वर्ष में एक रूपये का भी कर्ज नहीं लिया था। जबकि भाजपा की रमन सरकार ने विरासत में 50 हजार करोड़ का कर्जा छोड़ा था। भाजपा अपने वायदे पूरा नहीं कर पा रही है तो पिछली सरकार पर आरोप लगा रही है। जमीनों की रजिस्ट्री के टैक्स में बढ़ोतरी तथा गाईड लाइन की दरों में बढ़ोतरी के साथ शराब के दाम भी बढ़ा दिया गया। उसके बाद भी सरकार का खजाना खाली है। यह सरकार का आर्थिक कुप्रबंधन है।

       सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने पांच सालों में राज्य की जनता के ऊपर एक रू. भी अतिरिक्त कर्ज का बोझ नहीं डाला था। बिजली बिल आधा ही आता था, संपत्ति कर में एक रू. की भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी थी, डीजल पेट्रोल के वेट में कटौती की गयी थी। जमीनो के गाईड लाईन में पूरे पांच सालों तक एक रू. की भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी थी। इतनी राहतो के बावजूद कांग्रेस सरकार से जनकल्याणकारी योजनाओं को प्राथमिकता में रखा। गोधन न्याय योजना के माध्यम से लगातार लोगो की सहायता की गयी। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति मजबूत रही।

       भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में वित्तीय अनुशासन और कुशल प्रबंधन का कीर्तिमान स्थापित किया। अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर कृषि, सेवा और उत्पादन के क्षेत्र में कांग्रेस सरकार के दौरान 2018 से 23 तक छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। छत्तीसगढ़ विगत 3 वर्षों से कोई भी नया कर्ज़ नहीं लेने वाले देश के 4 राज्यों में अग्रणी राज्य रहा है। भूपेश सरकार में किसी भी तरह से ना कोई नया कर लादा गया और न ही किसी भी तरह से पूर्व से लगाए गए करो में कोई वृद्धि की गई, बल्कि सब्सिडी, राहत और रियायत लगातार छत्तीसगढ़ की जनता को मिलते रहा। बेरोजगारी भत्ता देना बंद कर दिया, किसान न्याय योजना की चौथी किस्त भी भारतीय जनता पार्टी सरकार ने नहीं दिया। भाजपा के घोषणा और मोदी की गारंटी का तो अता-पता नहीं बल्कि उल्टे पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार द्वारा प्रावधान की गई राशि भी दुर्भावना पूर्वक हड़प लिए। छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है, स्टील और सीमेंट के अग्रणी उत्पादक होने के साथ ही तमाम तरह के मिनरल्स है। कोयला, आयरनओर, बॉक्साइट और टीन जैसे बहुमूल्य खनिज संपदा प्रचुर मात्रा में है। कमी प्रदेश में संसाधनों की नहीं बल्कि भाजपा के नेताओं के नियत में ही खोट है। असलियत यह है कि वित्तीय संकट बताकर वादाखिलाफी के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं भाजपाई।

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