छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

कलेक्टर की अध्यक्षता में दूरसंचार संबंधी बैठक सम्पन्न

       दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आज दूरसंचार अवसंरचना के विकास के लिए तार मार्ग के अधिकार (राईट ऑफ वे) की नीति 2021 के अंतर्गत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। समीक्षा के दौरान बताया गया कि टावर व फाइबर के लिए प्राप्त आवेदनों आवेदनों का परीक्षण कर सभी नगरीय निकायों से अभिमत प्राप्त कर लिया गया है। आचार संहिता शिथिल होने के पश्चात अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया जारी कर दी गई है। इस दौरान एडीएम श्री अरविंद एक्का, एसडीएम भिलाई-3 श्री महेश राजपूत, एसडीएम पाटन श्री दीपक निकंुज, चिप्स अधिकारी श्रीमती श्रुति अग्रवाल सहित इंडस टावर्स लिमिटेड, मेसर्स टावर विजन इंडिया प्रा. लि., मेसर्स जिओ डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स टेलीसोनिक नेटवर्क लिमिटेड कम्पनी के प्रतिनिधि शामिल थे।

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 

चुनाव प्रक्रिया समाप्ति उपरांत राजस्व प्रकरणों के निपटारे में आई है तेजी

राजस्व अधिकारियों द्वारा अभियान चलाकर किया जा रहा है लंबित प्रकरणों का निराकरण

        दुर्ग। जिले में लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया समाप्ति पश्चात् राजस्व प्रकरणों के निपटारे में तेजी आई है। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी द्वारा राजस्व प्रकरणों के निराकरण की साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को अभियान चलाकर प्रकरणों का निराकरण समय सीमा के भीतर करने के निर्देश दिए है। जिले में राजस्व अधिकारियों द्वारा राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, बटवारा, डायवर्सन एवं सीमांकन तथा लोक सेवा से प्राप्त प्रकरणों का नियमानुसार समय सीमा के भीतर निराकरण किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप समय-सीमा के बाहर के प्रकरणों की संख्या कम हुई है। एक हिन्दी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के संबंध में अवगत कराया गया है कि आदर्श आचरण संहिता समाप्ति की तिथि 6 जून 2024 की स्थिति में नामांतरण, बटवारा, डायवर्सन एवं सीमांकन के कुल लंबित प्रकरण 8590 थे। जिसमें से केवल 373 प्रकरण समय सीमा के बाहर थे। वर्तमान स्थिति में कुल लंबित प्रकरण 8403 है। जिसमें से समय सीमा के बाहर केवल 134 प्रकरण है। शेष प्रकरण समय सीमा के भीतर के है। जिले में राजस्व अधिकारियों द्वारा अभियान चलाकर क्रमशः प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। इससे आवेदकों की किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है।

 
 
 
 

 
 
 
 
 
शासकीय चिकित्सालयों में उपचार करा रहे मरीजों की निजता का किया जाएगा सम्मान, नहीं होगी फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी
 
       दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ ने राज्य के समस्त आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं, संचालक आयुष, अधिष्ठाता समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक को परिपत्र जारी कर कहा है कि किसी भी शासकीय चिकित्सालय में उपचार करा रहे मरीजों की शासकीय अथवा गैर शासकीय व्यक्तियों के द्वारा किसी प्रकार की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी नहीं की जाए, जिससे उनकी निजता भंग हो। श्री पिंगुआ ने उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा जनहित याचिका क्रमांक डब्ल्यूपीपीआईएल नंबर 38 ऑफ 2024 में 10 जून 2024 को पारित आदेश का हवाला देते हुए सभी मरीजों की निजता का सम्मान एवं उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन न करने की बात कही है। समाज में एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनने के लिए यह आवश्यक है कि हम इस प्रकार के कृतियों से बचें और दूसरों के अधिकारों का सम्मान करें। उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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