छत्तीसगढ़दुर्ग-भिलाई

सांसे हो रही है कम, आओ पेड़ लागाये हम नारे के साथ जिला स्तरीय जल मड़ई मुहिम संचालित

मुख्य कार्यपालन अधिकारी अश्वनी देवांगन के मार्गदर्शन में वृक्षारोपण अभियान

6 एकड़ क्षेत्र में 3000 पौधे रोपित कर जल संकट से निपटने की पहल

जल मडई कार्यक्रम: वर्षाजल संचय और हरियाली के प्रति जागरूकता

पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधों की देखभाल और देखरेख की जिम्मेदारी

जल संरक्षण के लिए रंगोली, पेंटिंग और मॉडल के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक करने का प्रयास

ग्राम पंचायत भटगांव में एक दिन में 3 हजार पेड़ लगाए गए
 
       दुर्ग। जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अश्वनी देवांगन के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय जल मड़ई मुहिम चलाई जा रही है। इस कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ द्वारा आम के पौधे का रोपण किया गया एवं ग्रामीणों को भी अपने घरों में पौधे रोपण करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। ग्राम पंचायत भटगांव ब्लाक दुर्ग में संासे हो रही है कम, आओ पेड़ लागाये हम नारे के साथ 6 एकड एरिया में एक दिन में 3000 हजार वृक्षारोपण का कार्य किया गया एवं उनके देख-भाल की जिम्मेदारी ली गयी। पौधेे रोपण कर भाविष्य में आने वाले जल संकट से बचाव एवं पर्यावरण को सुरक्षित करने की पहल की गई। गांव के मुक्तिधाम के आस-पास मनरेगा के 3000 पौधे जिनमें 500 आम, 500 आंवला, 500 जामुन, 500 आमरूद, 400 मुनगा, 500 करंज एवं अन्य फलदार एवं छाया दार पौधे रोपण किये गए।
 
       मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग श्री देवांगन द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायतों में जल संकट को दूर करने के लिए जल मडई कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन मुहिम चला रही है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्षाजल का संचय करना एवं ग्राम पंचायत में हरियाली हेतु पौधे रोपण के प्रति लोगों को जागरूक करना है। कार्यक्रम के माध्यम से घरों में बेहतर निकासी व्यवस्था, सोकता गड्ढा निर्माण एवं बोरवोल में रिचार्ज पीट के निर्माण संबंधित जानकारी देते हुए इसके प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
 
       अध्यक्ष पुष्पा भुनेश्वर यादव ने कहा पेड़ बचाओ का अर्थ पेड़ो की रक्षा से है, पेड़ो के रक्षा हेतु तमाम उपाय किये जाने चाहिए। आज के समय में वनोन्मूलन और अंधाधुंध पेड़ो की कटाई एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। पर्यावरण में लगातार पेड़ो की घटती संख्या के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होने लगी है जैसे कि कार्बन डाई ऑक्साइड के अवशोषण में कमी, आक्सीजन तथा वायु के गुणवत्ता में गिरावट, पशु-पक्षियों की कई सारी प्रजातियों का विलुप्तिकरण आदि। नीरज वानखेडे वाटर मैन जल प्रहारी श्रध्दा सबुरी समाज सेवी द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायत में रंगोली, पेन्टिग एवं मॉडल बनाकर ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सकता है। घर में वर्षा के जल को बचाने के क्या-क्या तरीके अपनाए जा सकते है। कार्यक्रम में ब्लाक सीईओ रूपेश पाण्डेय, कार्यक्रम अधिकारी गौरव मिश्रा, वरिष्ठ करारोपण अधिकारी जेपी ध्रुव, सरपंच ललिता देशमुख, स्व-सहायता समूह की दीदियां एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

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